यह क्या हुआ? बड़े राजकुमार को शहंशाह ने घर- परिवार से बेदखल कर दिया ?।और शहजादा सलीम का जुर्म क्या था - मोहब्बत।
आप ठीक समझे मैं बिहार के राजपरिवार की ही बात कर रही हूं ।नमस्कार मैं हूं पूजा वर्मा और आप देख रहे हैं खरी-खरी।
तो लालू प्रसाद यादव जी ने बड़े बेटे तेज प्रताप को परिवार से बेदखल कर दिया है, पार्टी से भी निकाल दिया ।छोटे राजकुमार और लालू जी के उतराधिकारी तेजस्वी यादव जी का बयान आया कि जिल्ले इलाही का हुक़्म सर आंखों पर। और हो क्यों नहीं छोटे राजकुमार के निष्कंटक राज पाट में चुभने वाले, समय-समय पर बड़े होने का अधिकार जताने वाले, कभी अपने तथाकथित ऊट पटांग बयानो तो कभी हरकतों से मुसीबतें खड़ी करने वाले भैया तेज प्रताप को सीन से आउट ही कर दिया गया लेकिन मैं यहां कोई फिल्मी पटकथा बिल्कुल नहीं सुनाना चाहती हूं। मैं तो बस वे सवाल खड़े करना चाहती हूं जो एक आम आदमी इस खबर के बाद से पूछ रहा है ।तेज प्रताप यादव ने जब अनुष्का यादव के साथ रोमांटिक और शादीशुदा जिंदगी की तस्वीरें पोस्ट की तो राजनीतिक गलियारे में हड़कंप मच गया। फिर उन्हें डिलीट करके तेज प्रताप का पोस्ट आया कि सब AI जेनरेटेड है ..अकाउंट जो हैक हो गया है। लेकिन बाद में फिर से सारी तस्वीरे वापस डाल दी गई और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लालू यादव जी का ऐतिहासिक फरमान आया कि नैतिक मूल्यों के मद्देनजर ,परिवार की प्रतिष्ठा की ख़ातिर बड़े बेटे को तेज प्रताप यादव को परिवार और पार्टी दोनों से बाहर कर दिया है 6 साल के लिए ।
आप क्रोनोलॉजी तो देखिए पहले बेटे ने बगावत की प्यार किया तो डरना क्या फिर पूरे परिवार का भयंकर दबाव आया तो कुछ देर के लिए पोस्ट डिलीट कर दिया गया आई का जमाना है सोच यह बहाना चल जाएगा लेकिन फिर पिताजी ने खुद ही अपने ट्वीट से कंफर्म कर दिया। लालू जी जब नैतिक मूल्य और परिवार की प्रतिष्ठा की बात करते हैं तो हजम करना मुश्किल होता है। लालू यादव जी की नैतिकता और परिवार की प्रतिष्ठा का मानदंड आखिर क्या है?
चारा चोरी मे सजा ,रेलवे घोटाला और गुंडागर्दी के कई मामले जब उनके साथ हुए तो पता नहीं उनके नैतिक मूल्य कहां छुप गए थे ? जब छोटा बेटा दूसरे धर्म की बहू घर ले आया तो आपके नैतिक मूल्य फिर भी सही थे, तेज प्रताप तो अपनी ही जाति की लड़की को लाए हैं फिर भी नैतिकता नष्ट हो गई। जब राजनीतिक फायदे के लिए तेज प्रताप की शादी पूर्व मुख्यमंत्री दरोगा प्रसाद राय की पोती ऐश्वर्या से करवाई और आज्ञाकारी बेटे की तरह तेज प्रताप प्रस्तुत हो गए जबकि वह ऑलरेडी किसी के साथ रिलेशनशिप में थे तब नैतिक मूल्य को कोई नुकसान नहीं हुआ था ।और तो और जब उस नई- नवेली को मारपीट कर घर से निकाला गया, तब कहां था नैतिक मूल्य ? जब कैमरे के सामने महिला आयोग के संरक्षण में ऐश्वर्या ने बताया कि उसे पति और सास राबड़ी देवी ने पीटा,बाल खींचे और घर से धक्का देकर सड़क पर निकाल दिया तो भी नैतिक मूल्य का कुछ नहीं बिगड़ा था - यह प्रश्न मैं नहीं अभी-अभी खुद ऐश्वर्या ने उठाया है। ऐश्वर्या का तो यह तक कहना है कि सब मिले हुए हैं, यह सारा कुछ चुनावी ड्रामा है। नैतिकता का ठेका लालू परिवार में बेचारे तेज प्रताप ने ही ले रखा है।
वह जब अपनी भक्ति में कभी कृष्ण कभी राधा कभी महादेव का रूप धारण करते हैं तो नैतिकता आहत हो जाती है क्योंकि राजद की मुस्लिमपरस्त छवि को चोट लगती है ।तेज प्रताप जब मंच पर कुछ बोलना चाहते हैं तो माइक छीन लिया जाता है ।पार्टी में अपने अस्तित्व को लेकर वह पहले भी बगावत कर चुके हैं। आख़िर तेजप्रताप अपने पिता से ये क्यों न पूछे कि छोटे करे तो सब चमकीला मैं करूं तो charecter ढीला? अब परिवार के और लोगों का जो बयान सामने आया है उसकी बात करें। लालू जी के भतीजे नागेंद्र राय का कहना है कि वह अनुष्का यादव और उसके भाई आकाश यादव को बचपन से जानते हैं क्योंकि वे उनकी पत्नी के रिश्तेदार है आकाश यादव राजद के सदस्य भी है। नागेंद्र राय कहते हैं कि तेज प्रताप भोले- भाले हैं और यह उनके साथ हनी ट्रैप हुआ है। वह यह भी कहते हैं कि लालू जी ने फैसला सुनाने में जल्दबाजी की है । लालू जी के साला साधु यादव का बयान आया है कि लालू परिवार को शुरू से ही सब कुछ मालूम था और सोशल मीडिया पर बात खुलने पर यह सब चुनावी नाटक चल रहा है।
साधु यादव के अनुसार तेज प्रताप की जिंदगी में पहले कोई और लड़की थी जिसकी वजह से उन्होंने ऐश्वर्या को तलाक दिया था। बयान अभी और भी आते रहेंगे पर ।जहां तक तेज प्रताप यादव की बात है तो वह दूध के धुले भले न हों लेकिन उनमें कुछ तो अलग जरूर है जो उन्हें लालू जी के परिवार की घरेलू राजनीति से अलग करती है और राजद की छद्म राजनीति से भी। अपने निजी जीवन के फैसले लेने का अधिकार उन्हें होना चाहिए। जहां तक अगर वह किसी लड़की को धोखा नहीं दे रहे हो और उसको उसका स्थान दे रहे हो तो जनता को भी आपत्ति नहीं होनी चाहिए। वैसे यह सारी जंग जुबानी है बेदखल तो कागज पर किया जाता है और उसकी अभी तक कोई सूचना नहीं है अब अंत में सबसे बड़ा सवाल यह है कि तेज प्रताप अब क्या करेंगे उनका अगला कदम क्या होगा - नंबर एक - लालू जी से माफ़ी मांगेंगे ,नंबर दो- नई पार्टी खड़ी करेंगे और तेजस्वी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे या नंबर 3 -
चुप होकर कहीं गुम हो जाएंगे आपको क्या लगता है कमेंट करके बताइए।