Guru Purnima 2025: हिंदू धर्म में गुरु पूर्णिमा को बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार और पर्व माना जाता है. यह पर्व सिर्फ हिंदूओं में ही नहीं बल्कि बौद्ध धर्म और जैन धर्म के लिए भी खास माना जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा मनाते हैं. इस दिन महर्षि वेदव्यास का जन्म भी हुआ था इसलिए इसे व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं. इस बार गुरु पूर्णिमा 10 जुलाई यानी आज मनाई जा रही है.
गुरु पूर्णिमा शुभ मुहूर्त (Guru Purnima 2025 Shubh Muhurat)
इस बार गुरु पूर्णिमा की तिथि 10 जुलाई यानी अर्धरात्रि में 1 बजकर 36 मिनट पर शुरू हो चुकी है और तिथि का समापन 11 जुलाई यानी कल अर्धरात्रि 2 बजकर 6 मिनट पर होग
स्नान दान का मुहूर्त- स्नान दान का मुहूर्त आज सुबह 4 बजकर 10 मिनट से लेकर सुबह 4 बजकर 50 मिनट तक था.
पूजन का शुभ मुहूर्त- श्रीहरि और माता लक्ष्मी की पूजा का मुहूर्त सुबह 11 बजकर 59 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 54 मिनट तक रहेगा.
स्नान दान का मुहूर्त- स्नान दान का मुहूर्त आज सुबह 4 बजकर 10 मिनट से लेकर सुबह 4 बजकर 50 मिनट तक था.
पूजन का शुभ मुहूर्त- श्रीहरि और माता लक्ष्मी की पूजा का मुहूर्त सुबह 11 बजकर 59 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 54 मिनट तक रहेगा.
गुरु पूर्णिमा पूजन विधि (Guru Purnima Pujan Vidhi)
गुरु पूर्णिमा के दिन घर को अच्छी तरह साफ करके, स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें. इसके बाद किसी पवित्र स्थान या पूजा स्थल पर एक साफ सफेद कपड़ा बिछाकर व्यास पीठ तैयार करें और उस पर वेदव्यास जी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें. फिर वेदव्यास जी को चंदन, कुमकुम, फूल, फल और मिठाई आदि भेंट करें. इस विशेष दिन पर वेदव्यास जी के साथ-साथ शुक्रदेव और शंकराचार्य जैसे महान गुरुओं का भी स्मरण और आह्वान करें. इस अवसर पर केवल गुरु की ही नहीं, बल्कि परिवार के बड़ों जैसे माता-पिता, बड़े भाई-बहन को भी गुरु के समान सम्मान देकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करें.
गुरु पूर्णिमा महत्व (Guru Purnima Significance)
इस विशेष दिन पर शिष्य अपने गुरु की विशेष पूजा करता है और यथाशक्ति दक्षिणा, पुष्प, वस्त्र आदि भेंट करता है. शिष्य इस दिन अपने सारे अवगुणों को गुरु को अर्पित कर देता है और शिष्य अपना सारा भार गुरु को दे देता है. कहते हैं कि गुरु की पूजा उपासना से हर चीज बड़ी सरलता से पा सकते हैं.
कौन हो सकता है आपका गुरु?
हम लोग शिक्षा प्रदान करने वाले को ही गुरु समझते हैं. वास्तव में ज्ञान देने वाला शिक्षक बहुत आंशिक अर्थों में गुरु होता है. जो व्यक्ति या सत्ता ईश्वर तक पहुंचा सकती हो उस सत्ता को गुरु कहते हैं. गुरु होने की तमाम शर्तें बताई गई हैं जैसे शांत, कुलीन, विनीत, शुद्धवेषवाह, शुद्धाचारी और सुप्रतिष्ठित आदि. गुरु प्राप्ति के बाद कोशिश करें कि उनके निर्देशों का पालन करें.
गुरु पूर्णिमा उपाय (Guru Purnima Upay)
1. गुरु पूर्णिमा के दिन श्रीहरि का पूजन करें और फिर उन्हें पीले वस्त्र अर्पित करके गुरु ग्रह की कृपा
2. इसके अलावा करियर में सफलता के लिए अपनी पुस्तक में स्वास्तिक बनाकर अपनी इच्छा लिखें और उसे मां सरस्वती के पास रख दें.
3. साथ ही, गुरु पूर्णिमा पर गुरु यंत्र स्थापित करने से भाग्य और सौभाग्य में वृद्धि होती है.
Source: Aajtak