National Flag Day 2025: तीन रंग, एक संदेश – शांति, समृद्धि और बलिदान

आज, 22 जुलाई 2025 को पूरा देश मिलकर राष्ट्रीय ध्वज अंगीकरण दिवस मना रहा है। ज़रूरत है इस दिन को यादगार बनाने की — लेकिन उससे भी ज़्यादा ज़रूरी है कि हम हर दिन तिरंगे को सम्मान दें।
National Flag Day 2025: तीन रंग, एक संदेश – शांति, समृद्धि और बलिदान
National Flag Day 2025: तीन रंग, एक संदेश – शांति, समृद्धि और बलिदान
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तिरंगे का महत्व

आज की इस भागदौड़ भरी ज़िंदगी में हम अपने इतिहास को धीरे-धीरे भूलते जा रहे हैं। 15 अगस्त और 26 जनवरी को हर कोई गर्व से तिरंगा लहराता है, पर इन उत्सवों के अगले ही दिन कई लोग उसकी अहमियत भूल जाते हैं।

तिरंगे का सम्मान सिर्फ दो दिन नहीं, हर दिन होना चाहिए।

राष्ट्रीय ध्वज का स्वर्णिम इतिहास

  • भारत के राष्ट्रीय ध्वज की यात्रा इसके आधिकारिक रूप से अपनाए जाने से कहीं पहले शुरू हो चुकी थी।
    भारत का पहला राष्ट्रीय ध्वज 7 अगस्त 1906 को कोलकाता (तत्कालीन कलकत्ता) के पारसी बागान चौक (ग्रीन पार्क) में फहराया गया था। इसमें लाल, पीली और हरी तीन क्षैतिज पट्टियाँ थीं।

    • लाल पट्टी पर आठ सफेद कमल थे,

    • पीली पट्टी पर हिंदी में "वंदे मातरम्" लिखा था,

    • हरी पट्टी पर एक ओर सफेद सूरज और दूसरी ओर सफेद अर्धचंद्र और तारा बना हुआ था।

  • 1921 में, स्वतंत्रता सेनानी पिंगली वेंकैया ने एक नया झंडा डिज़ाइन किया जिसमें लाल और हरी धारियाँ थीं — जो क्रमशः हिंदू और मुस्लिम समुदाय का प्रतिनिधित्व करती थीं।
    महात्मा गांधी ने इसमें सफेद पट्टी और केंद्र में चरखा जोड़ने का सुझाव दिया, जो शांति और आत्मनिर्भरता का प्रतीक था।

  • वर्तमान तिरंगा 22 जुलाई 1947 को संविधान सभा में आधिकारिक रूप से अपनाया गया, जो भारत की स्वतंत्रता से ठीक पहले की बात है। इसमें तीन क्षैतिज पट्टियाँ हैं:

    • ऊपर भगवा,

    • बीच में सफेद (जिसके केंद्र में गहरे नीले रंग का 24 तीलियों वाला अशोक चक्र है),

    • और नीचे हरा रंग

  • राष्ट्रीय ध्वज सिर्फ कपड़े का टुकड़ा नहीं, बल्कि यह हमारी पहचान, संप्रभुता और सामूहिक इच्छाशक्ति का प्रतीक है।

ध्वज के रंगों और प्रतीकों का अर्थ

  • भगवा रंग — साहस, बलिदान और निस्वार्थ सेवा का प्रतीक। यह हमारे वीर स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देता है।

  • सफेद रंग — शांति, सच्चाई और पवित्रता का प्रतीक। यह नागरिकों से ईमानदारी और पारदर्शिता बनाए रखने का आह्वान करता है।

  • हरा रंग — आस्था, उर्वरता और हरियाली का प्रतीक। यह भारत की कृषि परंपरा और प्रकृति से उसके गहरे जुड़ाव को दर्शाता है।

  • अशोक चक्र — सफेद पट्टी के बीच स्थित यह चक्र धर्म, प्रगति और समय का प्रतीक है। इसकी 24 तीलियाँ दिन के 24 घंटों का प्रतिनिधित्व करती हैं, जो निरंतर जागरूकता और सक्रियता की आवश्यकता पर बल देती हैं।

राष्ट्रीय ध्वज दिवस पर विशेष संदेश

आज का दिन केवल झंडा फहराने का नहीं, बल्कि देश के प्रति गर्व और सम्मान महसूस करने का दिन है।
हमारा तिरंगा सिर्फ तीन रंगों का कपड़ा नहीं — यह हमारी आज़ादी की कहानी, बलिदानों की गवाही, और देशभक्ति की भावना का उत्सव है।

आइए आज हम संकल्प लें —
कि हम देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए,
समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए,
और हर कदम पर भारत का गौरव बढ़ाने के लिए मिलकर काम करेंगे।

तिरंगे की शान को झुकने न देंगे, भारत माँ की आन कभी मिटने न देंगे।

जय हिंद

वंदे मातरम्।

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