
भगवान् शंकर के भक्तों के लिए एक बेहद ही महत्त्वपूर्ण खबर| अब भगवान् शिव के भक्तों को अब अपने भोले के दर्शन के लिए चीन से होकर गुजरने की कोई ज़रुरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि भगवान् शंकर का निवास माने जाने वाले कैलाश पर्वत तक अब श्रद्धालु भारत के रास्ते ही दर्शन कर सकेंगे|
कैसे हो रहा है ये संभव?
इसके बारे में जानकारी देते हुए अधिकारियों ने बताया कि, सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने पिथौरागढ़ जिले के नाभीढांग में केएमवीएन हट्स से भारत-चीन सीमा पर लिपुलेख दर्रे तक सड़क निकालने का काम शुरू कर दिया है|
बीआरओ के इस डायमंड प्रोजेक्ट को संचालित कर रहे मुख्या अभियंता विमल गोस्वामी ने इस प्रोज्र्क्ट के बारे में जान्काती देते हुए बताया कि, टीम ने नाभीढांग के केएमवीएन हट्स के लिपुलेख दर्रा तक साढ़े 6 किलोमीटर लंबी सड़क को काटने का काम शुरू कर दिया है|
जरूरी जानकारी
भारत सरकार द्वारा “कैलाश व्यू पॉइंट” को बनाने का काम हीरक प्रोजेक्ट्स नाम की कंपनी को दिया गया है|
कब तक पूरा हो पायेगा काम?
काम पूरा होने के समय को लेकर विमल गोस्वामी ने बताया की, सड़क कटिंग का काफी काम हो चूका है और अगर मौसम अनुकूल रहा तो सितंबर तक इसे पूरा कर लिया जाएगा|
इस काम को जल्द-से-जल्द पूरा करना प्रत्मिकता में क्यूँ?
इस काम के समय से पूरा होने की कोशिश के पीछे डो अहम् कारण हैं:-
यह मामला लोगों की आस्था से जुदा हुआ है, और लोग जल्द ही इसके पूरा होने पर यात्रा करना चाहेंगे|
कोरोना के कारण लिपुलेख दर्रे के ज़रिये कैलाश मानसरोवर जाने वाली यात्रा पिछले काफी समय से बंद है, जिसे सरकार इस नए रस्ते से जल्द-से-जल्द खोलना चाहेगी|