
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को नई दिल्ली स्थित कर्तव्य पथ पर कर्तव्य भवन-03 का भव्य उद्घाटन किया। यह भवन सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत बन रहे कॉमन सेंट्रल सेक्रेटरिएट (CSS) की 10 इमारतों में से पहली पूरी हुई इमारत है। शेष 9 इमारतों का कार्य प्रगति पर है। इस भवन को सरकारी कार्य प्रणाली को पारदर्शी, उत्तरदायी और आधुनिक बनाने के उद्देश्य से तैयार किया गया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर कहा:
"कर्तव्य भवन सिर्फ एक इमारत नहीं है, बल्कि यह हमारे नागरिक कर्तव्यों की याद दिलाने वाला प्रेरणा स्थल है। यह आने वाली पीढ़ियों को राष्ट्रहित में कार्य करने के लिए प्रेरित करेगा।"
कुल क्षेत्रफल: 1.5 लाख वर्ग मीटर
कार पार्किंग: 600 कारों की क्षमता
कुल कार्यालय: करीब 850 ऑफिस रूम
बैठक कक्ष: 24 कॉन्फ्रेंस रूम, प्रत्येक में 45 लोगों के बैठने की व्यवस्था
सुविधाएँ: क्रेच (शिशुगृह), योग रूम, मेडिकल रूम, कैफे, किचन, मल्टीफंक्शनल हॉल
सुरक्षा: 700 CCTV कैमरे, 120 चार्जिंग पॉइंट्स
पहली मंजिल – पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय
दूसरी मंजिल – एमएसएमई मंत्रालय, डीओपीटी
तीसरी मंजिल – विदेश मंत्रालय, प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय
चौथी और पाँचवीं मंजिल – गृह मंत्रालय
छठी मंजिल – इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) का कार्यालय
सौर ऊर्जा: छत पर लगे 366 किलोवाट के सोलर पैनल से हर साल 5.34 लाख यूनिट बिजली की बचत होगी।
बिजली बचत तकनीक: डबल ग्लेज खिड़कियाँ, सेंसर आधारित एलईडी लाइट्स, बेसमेंट वेंटिलेशन जैसी तकनीकों से लगभग 30% बिजली की बचत।
जल संरक्षण: जीरो डिस्चार्ज फैसिलिटी के माध्यम से प्रति दिन 11 लाख लीटर गंदे पानी को शुद्ध कर पुनः उपयोग में लाया जाएगा।
वेस्ट टू वेल्थ: इन-हाउस सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम द्वारा प्रतिदिन 1,000 किलो जैविक कचरे को खाद में बदला जाएगा।
कर्तव्य भवन-03, केवल एक सरकारी दफ्तर नहीं बल्कि भारत के भविष्य का ऐसा प्रतीक है जो विकास, उत्तरदायित्व और पर्यावरणीय जागरूकता को एक ही छत के नीचे लाता है। यह नया भवन शासन व्यवस्था को और अधिक प्रभावशाली, तकनीकी रूप से सक्षम और नागरिक-केंद्रित बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।