एक ओर कलयुग में बाप और बेटी का रिश्ता भी स्वार्थ की आंच में पिघल कर सिक्के में ढल चुका है... दूसरी ओर ईश्वर भी अपनी मौजूदगी का अहसास दिला ही देते हैं..
Dr Pooja Varma
एक ओर कलयुग में बाप और बेटी का रिश्ता भी स्वार्थ की आंच में पिघल कर सिक्के में ढल चुका है... दूसरी ओर ईश्वर भी अपनी मौजूदगी का अहसास दिला ही देते हैं..