योग एक प्राचीन भारतीय अभ्यास है, जो मन, शरीर और आत्मा को जोड़ने का काम करता है। योग शास्त्रों के अनुसार योग का अभ्यास व्यक्तिगत चेतना को सार्वभौमिक चेतना के साथ जोड़ता है, जो मन और शरीर, मनुष्य और प्रकृति के बीच एक पूर्ण सामंजस्य का संकेत देता है।
योग का इतिहास
योग का सबसे पहला उल्लेख भारत के सबसे प्राचीन ग्रंथों में से एक “ऋगवेद” में देखने को मिलता है। प्राचीन संग्रहों के अनुसार “योग” शब्द संस्कृत शब्द “युज” से निकला है, जिसका मतलब “मिलना” या “जुड़ना” है। योग का जन्म भी लगभग 5000 हजार वर्ष पहले भारत में ही हुआ था और इसकी प्रभावशीलता के कारण यह धीरे-धीरे पूरी दुनिया में फैल गया। आजकल योग के कई नए आसनों और तकनीकों का निर्माण हो चुका है और पश्चिमी देशों में इसे “योगा” के नाम से जाना जाता ह।
विश्व योग दिवस
2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया। तब से हर साल दुनिया भर में यह दिन उत्साह और उमंग से मनाया जाता है।
योग के लाभ
वर्तमान युग में इस भागती दौड़ती जिंदगी में योग का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। योग के परिणामों व उसकी प्रभावशीलता की गुणवत्ता पर कई शोध हो चुके हैं। इनमें से अधिकतर शोधों में पाया गया कि योग शारीरिक गतिविधि, लचीलता और संतुलन बढ़ाने और शक्ती प्रदान करने का एक असरकारक तरीका है।
कई सारे ऐसे योगासन है, जिससे पुराने से पुराने कमर और जोड़ों के दर्द से राहत मिल जाती है।
नियमित रूप से योग करने से शारीरिक तनाव का स्तर कम होता है और साथ ही शरीर के अंदर होने वाली सूजन व लालिमा कम हो जाती है, जिसके परिणामस्वरूप हृदय के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद मिलती है। हृदय संबंधी रोगों का कारण बनने वाले कुछ कारक जैसे उच्च रक्तचाप और मोटापा आदि को भी योग अपनाकर कम किया जा सकता है।
अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार कुछ वैज्ञानिक प्रमाण पाए गए जो बताते हैं कि योग की मदद से मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है, अच्छी नींद आती है और शारीरिक वजन कम करने में मदद मिलती है, जिसके परिणामस्वरूप शारीरिक व मानसिक तनाव भी कम रहता है।
योगाभ्यास के तरीके
अगर आप पहली बार योगाभ्यास करने जा रहे है तो कुछ बातों का ध्यान रख कर आप भी अच्छे से योगासन कर सकते है।
योगासनों को खाली पेट किया जाना चाहिए। यदि आपको कमजोरी महसूस हो तो गुनगुने पानी में थोड़ा सा शहद मिला कर पी लें।
यदि आप योगाभ्यास करने से पहले प्रार्थना व वंदना करते हैं तो
ऐसा करने से मस्तिष्क में अच्छे विचार आते हैं और आपको योग करने के लिए मानसिक रूप से तैयार होने में मदद मिलती है।
कोई भी आसन शुरू करने से पहले स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज और वॉर्म-अप कर लें, ऐसा करने से योग करते समय मांसपेशियां क्षतिग्रस्त नहीं होती हैं।
किसी आसन को पहली बार करने से पहले उसका अच्छे से अभ्यास कर लें और यह सुनिश्चित कर लें कि आप सही मुद्रा और तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं।
रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं ताकि शरीर में पानी की कमी न हो पाए।
उचित व आरामदायक कपड़े पहनें। इस दौरान आपको ढीले-ढाले सुती कपड़े पहने की सलाह दी जाती है, ताकि योग मुद्राएं करते समय आपको किसी प्रकार की अड़चन महसूस न हो।
योगासन को हमेशा एक साफ-सुथरी और हवादार जगह पर किया जाता है।
योगासन करने के लिए अच्छी ग्रिप वाले मैट का इस्तेमाल करें, ताकि आप शारीरिक मुद्रा करते समय आप फिसलें नहीं।
योगासन के दौरान अपनी सांसों का विशेष ध्यान रखें, प्रशिक्षक के अनुसार ही सांसें लें।
शरीर को शांत रखने के लिए योग की सभी विश्राम क्रियाओं को पूरा करें।
कोई भी नई मुद्रा बनाते समय गति का विशेष ध्यान रखें और किसी भी प्रकार का झटका लगने से बचें।
हर योगासन करने की एक सीमित सीमा होती हैं, जिन्हें हमेशा ध्यान रखना चाहिए। सीमा के स्तर से अधिक करने से स्थिति खतरनाक हो सकती है।
वर्तमान परिप्रेक्ष्य में योग की प्रासंगिकता
आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में योग का महत्व और भी बढ़ गया है। यह तनाव, चिंता और जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों से राहत दिलाता है। स्कूलों से लेकर ऑफिसों तक, हर जगह योग को अपनाया जा रहा है।यह कहना गलत नहीं होगा कि योग सिर्फ व्यायाम नहीं, बल्कि एक संपूर्ण जीवनदर्शन है। आइए, इस योग दिवस पर हम सभी प्रण लें कि योग को अपने जीवन में उतारकर खुद को और समाज को स्वस्थ और संतुलित बनाएँ।