राकेश शर्मा के बाद अब सुभांषु शुक्ला : आइए जानते है कौन है शुभाशु शुक्ला, जिनपर आज पूरा भारत गर्व महसूस कर रहा है।
25 जून 2025, हर भारतीय के लिए खास है। जब दोपहर के ठीक 12:01 बजे अमेरिका के केनेडी स्पेस सेंटर से जैसे ही Falcon 9 रॉकेट ने उड़ान भरी, हर एक भारतीय दिल की धड़कनें तेज़ हो गईं। उस रॉकेट में सिर्फ एक अंतरिक्ष यात्री नहीं, बल्कि 140 करोड़ सपनों की उम्मीदें सवार थीं – ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला।
क्या है Axiom Mission 4, और क्यों खास है ये मिशन?
Axiom Mission 4 अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए एक निजी अंतरिक्ष उड़ान है, जिसे Axiom Space द्वारा संचालित किया जा रहा ह। इस मिशन को SpaceX के फाल्कन 9 रॉकेट (Falcon 9 rocket) और क्रू ड्रैगन अंतरिक्ष यान (Crew Dragon) का उपयोग करके प्रक्षेपित किया गया है।
राकेश शर्मा के बाद यह पहली बार है जब कोई भारतीय अंतरिक्ष में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) तक जा रहा है। कभी फाइटर जेट उड़ाने वाले शुभांशु ने MiG-21 और Su-30 जैसे विमान उड़ाए। लेकिन उनका सपना केवल देश की सीमाओं तक सीमित नहीं था – वो अंतरिक्ष की सीमा भी लांघना चाहते थे।
शुभाशु शुक्ला ,राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय बन गए है। ये Axiom 4 के पायलट है । यह मिशन NASA और ISRO कि की संयुक्त अंतरिक्ष मिशन है।आइए एक नजर डालते हैं उनके जीवन, करियर और इतिहास रचने वाले मिशन पर।
● 10 अक्टूबर 1985 को लखनऊ में जन्मे शुभांशु शुक्ला ने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में शामिल होने से पहले सिटी मॉन्टेसरी स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की। 2006 में भारतीय वायु सेना में कमीशन प्राप्त करने के बाद, उन्होंने Su-30 MKI, MiG-29, जगुआर और डोर्नियर-228 सहित कई तरह के विमानों पर 2,000 घंटे से ज़्यादा उड़ान भरने का अनुभव हासिल किया है।
● उन्होंने भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में M.tech की डिग्री हासिल की है। शुभाशु शुक्ला ने 2019 में ISRO के गगनयान मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम के लिए चुने गए चार अधिकारियों में से एक थे।
● उन्होंने रूस के गगारिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर और बेंगलुरु में इसरो के अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण सुविधा में व्यापक प्रशिक्षण लिया। इस साल की शुरुआत में, उन्हें एक्सिओम-4 चालक दल के हिस्से के रूप में घोषित किया गया था, जिसे गगनयान के तहत भारत के मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशनों से पहले एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है ।
शुभांशु शुक्ला की जीवनशैली
ग्रुप कैप्टन शुभांशु की जीवनशैली बेहद अनुशासित, स्वस्थ, और सादा है। एक वायुसेना अधिकारी के रूप में उन्होंने हमेशा फिटनेस और मानसिक संतुलन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। वे योग और ध्यान को रोजमर्रा के जीवन में अपनाते हैं ताकि उच्च मानसिक दबावों में भी स्थिरता बनाए रख सकें। उनकी दिनचर्या में नियमित व्यायाम, पोषणयुक्त आहार और सात्विक जीवनशैली शामिल है। पढ़ाई, अनुसंधान और तकनीकी अपडेट में उनकी गहरी रुचि है।
एक सपना जो आज पूरा देश साथ पूरा होते देख रहा है
शुभांशु शुक्ला ने यह साबित कर दिया कि अगर सपने सच्चे हों, तो कोई भी सीमा—चाहे वो ज़मीन की हो या आसमान की हमे अपने सपने को पूरा करने से नहीं रोक सकती।
उनकी उड़ान, भारत के उड़ान की शुरुआत है और हम सब, उनकी वापसी तक आसमान की ओर देखते रहेंगे एक उम्मीद के साथ ,एक गर्व के साथ उनके सकुशल वापसी की प्रार्थना करेंगे।
जय जवान, जय किसान , जय विज्ञान।