अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को मेक्सिको, कनाडा और चीन पर भारी टैरिफ लगाने की घोषणा की, लेकिन भारत को इस सूची से बाहर रखा गया है। अमेरिका के व्यापार घाटे में भारत का योगदान केवल 3.2% है, जबकि चीन, मेक्सिको और कनाडा जैसे देशों का हिस्सा क्रमशः 30.2%, 19% और 14% है।
टैरिफ नीति के तहत मैक्सिको और कनाडा पर 25% शुल्क तथा चीन पर 10% शुल्क लगाया गया है। नई नीति 1 फरवरी से लागू हो चुकी है और इसका उद्देश्य अमेरिका के व्यापार घाटे में प्रमुख योगदान देने वाले देशों पर लगाम लगाना है।
शुक्रवार को जारी आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया कि भारत की आयात शुल्क नीति समय के साथ विकसित हुई है। सर्वेक्षण के अनुसार, विभिन्न उद्योगों को विदेशी प्रतिस्पर्धा से बचाने और आवश्यक कच्चे माल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए अलग-अलग शुल्क दरें तय की गई हैं।
भारत ने यह भी सुनिश्चित किया है कि उसकी टैरिफ नीतियां विश्व व्यापार संगठन (WTO) के नियमों के अनुरूप हों। समय के साथ शुल्क दरों को तार्किक बनाने के लिए कई प्रयास किए गए हैं।
रिपोर्ट में बताया गया कि अमेरिका में मुद्रास्फीति 20 आधार अंकों तक बढ़ सकती है, जबकि चीन में यह शुरू में गिरने के बाद 30 आधार अंकों तक बढ़ने की संभावना है। चीन की मौद्रिक सख्ती वहां की मुद्रा को संतुलित करने के लिए की गई है।
नीति आयोग के सीईओ बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम ने कहा था कि अमेरिका की नई व्यापार नीतियां वैश्विक व्यापार पर बड़ा प्रभाव डाल सकती हैं, जिससे भारत को आर्थिक वृद्धि के नए अवसर मिल सकते हैं।